Choti sali ka jija ji ko aupcharik patra “छोटी साली का जीजा जी को औपचारिक पत्र” Hindi Letter Writing

छोटी साली का जीजा जी को औपचारिक पत्र

मल्लीताल,

नैनीताल

दिनांक 18 मई,……

आदरणीय जीजा जी,

सादर नमस्ते ।

अत्र कुशलं तत्रास्तु । आप लोगों को यह पढ़कर प्रसन्नता होगी कि मैंने एम०ए० (हिंदी) प्रथम श्रेणी में पास कर लिया है । आपका मुंह मीठा कराने के सब साधन जुटा रखे हैं । फिर मौसम भी यहाँ का बढ़िया हो गया है । लोग गर्मी से बचने के लिए यहाँ पर आने लगे हैं। संध्या समय रंग-बिरंगी तितलियों से भरी सड़कें, जलपान गृहों से उठते हुए कहकहे, थियेटर से आती हुई नूपुरों की झंकार, आपके उपन्यास के कितने ही पात्र अनजाने में यहाँ मिल जाएँगे और हमें प्यारी दीदी, जिसे देखे कई मास बीत गए हैं।

ऐसा लगता है कि आपने हमारी दीदी को भी अपने ही रंग में रंग लिया है, जो हमसे मिलने का नाम ही नहीं लेतीं । ऐसी आसक्ति भी क्या जीजा जी? घर में सभी आप लोगों को याद करते हैं। रवि और संगीता की दो-चार दिन में छुट्टियाँ भी होने वाली हैं । उन्हें लेकर आ जाइएगा और एक नये उपन्यास का प्लॉट भी मिल जाएगा।

आपका नवीनतुम उपन्यास ‘जिंदगी की तहें’ पहा। मुझे ही क्या, मेरी सहेलियों को भी बहुत पसंद आया । अभय और अचिरा का चरित्र-चित्रण बहुत ही सुंदर बन पड़ा है । इस पर चित्र कब तक तैयार हो रहा है ? इसकी शूटिंग पर हमें बुलाना न भूलिएगा । आजकल क्या लिख रहे हैं? मेरी भी इच्छा कागजों पर लकीरें खींचने की होती है, काश आपका सहयोग पा सकूँ।

पिता जी तथा माता जी आप लोगों को आशीष देते हैं । रवि और संगीता को हम सबकी ओर से प्यार कीजिएगा।

पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में ।

आपकी स्नेहभाजन,

उर्मिला

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