दीवाली की छुटियों में मित्र को अपने घर बुलाने के लिए पत्र।
सीलमपुर
जाफराबाद
दिल्ली।
15 अक्टूबर, 2010
प्रिय मित्र गौरव,
सप्रेम नमस्ते।
मेरी सत्रांत परीक्षा कल समाप्त हो गई है। अब दीवाली की लंबी छुट्टियाँ शुरू होंगी। तुम्हारी परीक्षा भी हो चुकी होगी। इन छटियों में मेरे घर आने के लिए मैं तुम्हें निमंत्रण देता हूँ। तुम अवश्य ही आना। हम दोनों यहाँ खूब खेलेंगे, घूमेंगे और पटाखे छोड़ेंगे। आओगे न ?
अपने आने की सूचना जरूर देना। तुम्हें लेने के लिए हम स्टेशन पर आ जाएँगे।
तुम्हारा मित्र,
मनोज शर्मा।