पुत्र की ओर से माता को पत्र – परीक्षा परिणाम की सूचना ।
दिल्ली
दिनांक 16 जून….
पूज्य माता जी,
सादर प्रणाम
अत्र कुशल तत्रास्तु । आपका पिछले सप्ताह से कोई पत्र नहीं मिला, अतः मन चिंतित है । हर समय पत्र की प्रतीक्षा में नेत्र लगे रहते हैं । आशा है कि अब यथाशीघ्र पत्रोत्तर देंगी जिससे मेरी चिंता दूर हो ।
आपको यह पढ़कर अत्यंत हर्ष होगा कि मेरा परीक्षा परिणाम घोषित हो गया है, जिसमें मैं अपने सभी सहपाठियों में प्रथम रहा हूँ। इसके साथ ही आपके आशीर्वाद से मुझे दो विषयों में विशेष योग्यता प्राप्त हुई है । मेरे परीक्षा परिणाम से गुरु वर्ग पूर्णतया संतुष्ट है और उन्हें ऐसी आशा है कि मैं भविष्य में बहुत ऊँचा स्थान पा सकूँगा।
सच कह रहा हूँ माँ! यह सब आपकी प्रेरणा और आशीषों का ही फल है । बड़े भाई साहब का पत्र देहरादून से आया है, वे इसी मास के अंत में आपके पास पहुँचेंगे । कदाचित मैं भी उन्हीं दिनों में आपके दर्शनार्थ उपस्थित होऊँगा । संगीता को मृदुल प्यार करना । चाचा-चाची जी को मेरी नमस्ते कहना । शेष, आप की कृपा से सब शुभ है।
पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में ।
आपका प्यारा पुत्र,
प्रमोद कुमार