पुत्र के जन्म पर भाभी का देवर को बधाई पत्र
प्रयाग ।
दिनांक 9 जून,
प्रिय देवर जी,
सस्नेह नमस्ते ।
अत्र कुशलं तत्रास्तु । कल तुम्हारे पत्र द्वारा यह जानकर खुशी हुई कि विमला ने एक पुत्ररत्न को जन्म दिया है । आशा है, बहूरानी स्वस्थ होंगी । माता जी जब उसकी देख-रेख के लिए पहुँच गई हैं, तो किसी प्रकार की चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है । विमला को समझा देना, हर काम माता जी से पूछ कर करे, उनके कहने के अनुसार ही पथ्य का ध्यान रखे । ऐसी स्थिति में शीतल पेय को बहुत मन करता है, पर बड़े बूढ़े कम से कम एक माह तक गुनगुना पानी पीने को कहते हैं । यह हितकर ही है । इनके उपदेशों का पालन करने से शरीर स्वस्थ रहता है । मेरी ओर से तुम्हें और विमला को बहुत-बहुत बधाई ।
संभव हुआ तो एक सप्ताह बाद मैं नवजात शिशु को देखने आऊँगी । तब तक तुम्हारे भैया भी परदेस से लौट आएँगे । नयनतारा ने तो भैया को देखने के लिए आफत उठा रखी है । उसके लिए मुन्ने का एक चित्र अवश्य भिजवा दो। माता जी को मेरा चरण-स्पर्श कहना । नयनतारा आप सबको नमस्ते कहती है और मुन्ने को मृदुल प्यार । मेरे योग्य कोई सेवा हो तो लिखना ।
पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में ।
तुम्हारी स्नेहमयी भाभी,
आशा